आप खुद अपने सफलता , असफलता के जिम्मेदार - हिन्दी प्रेरक कहानी

आप खुद अपने सफलता , असफलता के जिम्मेदार - हिन्दी प्रेरक कहानी

आप खुद अपने सफलता , असफलता के जिम्मेदार - हिन्दी प्रेरक कहानी

आप खुद अपने सफलता , असफलता के जिम्मेदार - हिन्दी प्रेरक कहानी


एक कम्पनी के मालिक ने देखा कि उसकी कम्पनी के सारे कर्मचारी बड़े ही निराश और दुःखी जैसे दिखते थे। उनके अंदर आत्मविश्वास और ऊर्जा जैसे खत्म हो चुकी थी। कम्पनी के मालिक ने उन लोगों को फिर से नयी शक्ति और उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए एक नयी तरकीब सोची –
सुबह जैसे ही सभी कर्मचारी कम्पनी के अंदर जाने लगे अचानक उन्होंने देखा कंपनी के बाहर एक नोटिस लगा हुआ था कि –

“जो व्यक्ति कल तक आपको आगे बढ़ने से रोक रहा था, आज उसकी मौत हो गयी है और आप अंदर जाकर उस व्यक्ति से अंतिम बार मिल सकते हैं”

सारे लोगों को ये बात जानकर बड़ी ही खुशी हुई कि चलो जो व्यक्ति हमारे विकास को रोक रहा था वो मर चुका है लेकिन इस बात का दुःख भी था कि अपने साथ का एक कर्मचारी अब नहीं रहा।
अब सबके मन में एक ही सवाल आ रहा था कि वो व्यक्ति आखिर है कौन जो हमें आगे बढ़ने से रोक रहा था और आज उसकी मृत्यु हो गई है। इसी उधेड़बुन में एक एक करके लोग अंदर जाने लगे।
अब जैसे ही वो एक एक करके अंदर गए, अंदर का नजारा देख कर वो अवाक् रह गए , मुंह से एक शब्द भी नहीं निकल पाया।

अंदर कुछ नहीं था, वहां केवल एक शीशा लगा हुआ था जिसके नीचे एक छोटा सा नोट लिखा हुआ था कि

केवल आप ही वो इंसान हैं जिसने अपनी क्षमता के दायरे को छोटा बनाया हुआ है, आप खुद अपने सुख, दुःख, सफलता , असफलता के जिम्मेदार हैं।

कंपनी बदलने, अपने बॉस बदलने या दोस्तों को बदलने से आपकी जिंदगी कभी नहीं बदलेगी। अपनी जिंदगी बदलनी है तो खुद को बदलना होगा, अपनी क्षमता को पहचानना होगा, अपने मन में जो छोटे दायरे बना लिए हैं उस दायरे से बाहर निकलना होगा। फिर देखिए एक दिन पूरी दुनिया आपको सलाम करेगी।

जब एक अंडा बाहर से फूटता है तो एक जिंदगी का अंत होता है लेकिन जब वही अंडा अंदर से फूटता है तो एक नयी जिंदगी का जन्म होता है।

अपने अंदर की शक्तियों को जगाओ, आप अपार क्षमतावान हो।

आप असफल हो तो इसके जिम्मेदार भी खुद ही हो। खुद को कोसना और दूसरों को दोष देना बंद करो ....

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